Free Sewa By Sewadar Gurpreet Singh
Sewadar Gurpreet singh Free Sewa of Piles medicine
About Piles:बवासीर को piles और hemorrhoids के नाम से भी जानते है। इस रोग में गुदा के पास मस्से निकल आते है जिनमें खून निकलना, खारिश और तेज दर्द की शिकायत होती है। ज्यादा खून आने के कारण रोगी के शरीर में कमजोरी आने लगती है। वैसे तो दवा, घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार से बवासीर के मस्से का इलाज किया जा सकता है पर अगर पाइल्स के लक्षण पता हो तो समय रहते ही इस रोग की पहचान कर के इसे बढ़ने से रोक सकते है।
बवासीर के प्रकार
बवासीर 2 तरह की होती है बाहर की बवासीर और अंदर की बवासीर। टॉयलेट करते वक़्त खून निकलता है तो इसे खुनी बवासीर भी कहते है।
अंदरूनी बवासीर – (Internal Hemorrhoids)
अंदर की बवासीर में मस्से गुदा के अंदर की तरफ होते है और टॉयलेट करते वक़्त इन मस्सों में तेज दर्द होने लगता है और खूनभी आने लगता है।*.इस रोग की शुरुआत में गुदा के पास रक्त नलिका में सूजन आने लगती है और समस्या गंभीर होने पर सूजन बढ़ने लगती है जोबवासीर के मस्सेका रूप ले लेती है और मल त्याग करते समय ये मस्से बहार आ जाते है और इनसे खून आने लगता है।
बाहरी बवासीर – (External Hemorrhoids)
बाहरी बवासीर में रोगी के गुदा द्वार के बाहर की तरफ मस्से हो जाते है जिनमें खुजली होती है। मस्सों को खुजलाने पर इनसे खून भी निकलने लगता है।
बवासीर होने पर इसे लम्बे समय तक नजरअंदाज करना समस्या को बढ़ाना जैसा है। इससे बचने के लिए जरुरी है की समय रहते ही इसका इलाज शुरू किया जाये और समस्या गंभीर होने पर बिना संकोचकिये डॉक्टर से मिलना चाहिए।
Sewadar Gurpreet Singh Mobile.9915743144
About Piles:बवासीर को piles और hemorrhoids के नाम से भी जानते है। इस रोग में गुदा के पास मस्से निकल आते है जिनमें खून निकलना, खारिश और तेज दर्द की शिकायत होती है। ज्यादा खून आने के कारण रोगी के शरीर में कमजोरी आने लगती है। वैसे तो दवा, घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार से बवासीर के मस्से का इलाज किया जा सकता है पर अगर पाइल्स के लक्षण पता हो तो समय रहते ही इस रोग की पहचान कर के इसे बढ़ने से रोक सकते है।
बवासीर के प्रकार
बवासीर 2 तरह की होती है बाहर की बवासीर और अंदर की बवासीर। टॉयलेट करते वक़्त खून निकलता है तो इसे खुनी बवासीर भी कहते है।
अंदरूनी बवासीर – (Internal Hemorrhoids)
अंदर की बवासीर में मस्से गुदा के अंदर की तरफ होते है और टॉयलेट करते वक़्त इन मस्सों में तेज दर्द होने लगता है और खूनभी आने लगता है।*.इस रोग की शुरुआत में गुदा के पास रक्त नलिका में सूजन आने लगती है और समस्या गंभीर होने पर सूजन बढ़ने लगती है जोबवासीर के मस्सेका रूप ले लेती है और मल त्याग करते समय ये मस्से बहार आ जाते है और इनसे खून आने लगता है।
बाहरी बवासीर – (External Hemorrhoids)
बाहरी बवासीर में रोगी के गुदा द्वार के बाहर की तरफ मस्से हो जाते है जिनमें खुजली होती है। मस्सों को खुजलाने पर इनसे खून भी निकलने लगता है।
बवासीर होने पर इसे लम्बे समय तक नजरअंदाज करना समस्या को बढ़ाना जैसा है। इससे बचने के लिए जरुरी है की समय रहते ही इसका इलाज शुरू किया जाये और समस्या गंभीर होने पर बिना संकोचकिये डॉक्टर से मिलना चाहिए।
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